औरत का जीवन - एक कसौटी
छोटी, नन्ही, प्यारी सी,
सुंदर सी इक कली खिली।
कानों में घुलती मिश्री सी,
जीवन में इक किलकारी घुली।
छोटे - छोटे हाथों की, आढ़ी तिरछी लकीरों में,
जाने क्या छिपाया था, रब्ब ने उसकी तकदीरों में।
चंद सांसें ही लीं थीं उसने,
फिर आंधी एक पुरजोर चली,
ले कर अपने मां बाप की अर्थी
हंसी... उसकी चिता में जली।
अभी देखा ना था कोई सपना,
नहीं पता था, कौन है अपना।
पालने में पड़ी खुद ही वो पलती रही,
खा गई मां बाप को, ताने यही सुनती रही।
ना जाने उससे, ऐसा कौन सा पाप हो गया,
दादा - दादी, नाना - नानी की बाहों से बरसता प्यार कहीं खो गया।
ऐसे ही बिन प्यार दुलार के वो पलती रही,
हर दिन मनहूस होने का इल्ज़ाम सहती रही।
होशियार और हुनरमंद थी वो काफी,
पर किस्मत के आगे धरा रह गया सब बाकी।
ना थी पढ़ाई की चिंता, ना ही परवाह थी उसकी,
बोझ थी सब के जीवन का, यही नियति थी उसकी।
सुंदर से राजकुमार को पाने की, मन में थी इक इच्छा,
पर ब्याह दिया एक विधुर संग, साथ में जिसके था इक बच्चा।
था मनहूस वो भी बच्चा, जो पैदा होते ही मां को निगल गया,
लेकिन क्योंकि था वो बेटा, परिवार का वारिस बन गया।
उसे पालने की खातिर ही उसके बाप ने ब्याह था रचाया,
और उस लड़की को सौतेली मां का खिताब भी दिलवाया।
ना प्यार, ना चाहत, ना परवाह थी उसकी किसी को,
जिसका हाथ थामकर ससुराल की दहलीज पार की, बस दुत्कारता था वो हर पल उसको।
टूटकर बिखर गई, पर फिर भी ना समझ पाई,
क्या खता हो गई जो पति की प्रीत भी ना हासिल कर पाई।
ना तन को, ना मन को, प्रेम की एक बूंद भी छू पाई,
फिर भी समाज की नज़रों में बांझ भी वो ही कहलाई।
कहने को तो बेटा भी था अब अपना,
लेकिन उसके लबों पर बिखरी कड़वाहट से टूट गया था वो भी सपना।
हर पल कानों में पड़ता सौतेला शब्द, उसके पत्थर हो चुके दिल को चीर गया,
मनहूसीयत का पिटारा एक दिन गहरी नींद में सो गया।
मरने के बाद भी उसके लिए ना कोई रोया,
आफत टल गई सिर से, सोचकर हर कोई चैन से सोया।
क्यों लड़की को मनहूस और लड़के को वारिस का खिताब दिलाया,
समाज की कुरीति की खातिर, बलि का बकरा बनाया।
आखिर क्यों एक औरत को जिंदगी की हर कसौटी पर तौला गया,
बड़ी बेरहमी से उसके दिल और जज़्बात को पैरों तले रौंदा गया।
'रसम' तुझसे पूछ रही है भगवान, क्यों औरत की है ऐसी कहानी,
समाज के तानों को सहती हुई, देती है हर पल कुर्बानी।।
*****Samridhi Gupta'रसम'*****
Swati chourasia
09-Jan-2023 02:06 PM
बहुत ही सुंदर रचना 👌👌
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Punam verma
25-Dec-2022 09:01 AM
Very nice
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𝐆𝐞𝐞𝐭𝐚 𝐠𝐞𝐞𝐭 gт
24-Dec-2022 09:38 PM
कविता में ही पूरी कहानी लिख दी है आप। 👏🏻एक स्त्री के जन्म से अंत तक की कहानी पूरी गजब लिखी है आपने👌🏻भावुक कर देने वाली कविता... कहानी के रूप में। आपकी यह कविता हृदयस्पर्शी और प्रशंसनीय है। ❤️ कविता प्रतियोगिता में आप जरूर विजेताओं की श्रेणी में आएगी। बस टॉपिक से रिलेटेड पिक लगाकर लिंक एक बार फिर share कर दीजिये।
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